Page 10 - Brochure SOLID STEPS
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Hindi





                                           सॉ    िल     ड स््टटेप्   स      ि ह  ंदी
                                           सॉिलड स््टटेप्स िहंदी
                                                                                                                                                                                            मेरटे ििचार
                                                                                                                                                      दे
                                                                                                                              मेरे विचार— शशषिार््थ्यों को ननदशों को पढ़ने और उन्हें समझकर अपने   ज़रा सोचचए और चचा्थ म हहस्सा लीजजए—
                                                                                                                                               थि
                                                                                                                                                                                                   ें
                                                                                                                                                                                                 ्व
                   हहदी पाठ् ्यपुस्तक को साहहत््य, पठन, समझ, शब्दावली और लेखेन के माध््यम से शशषिार््थ्यों को एक समृद्ध ्यात्रा पर ले िाने   वविारों को व््यक्त करने के ललए प्ोत्साहहत करता है।    y कववता का शीषक ‘ज्ानी पषिी’ क््यों रखेा ग्या होगा?
                                                                                    थि
                     ं
                                                                                                                                                                                              y पषिी हमें ज्ान की कौन-सी बात ससखेाते हैं।
                                                                                                                                                                                              y पषिी ततनकों के अलावा ककन िी्ज़ों से अपना घर बनाते होंगे?
                   के ललए तै्यार कक्या ग्या है। इसके माध््यम से शशषिा्थथी ववभभन्न कहानन्यों को पढ़ेंगे, अपने शब्द ज्ान को बढ़ाते हुए भाषा कौशल
                                                                                                                                                                                            श्ज़द ज्ान
                   को ननखेारेंगे त्था प्भावी संिार के ललए गहरी सराहना को बढ़ावा देंगे।                                        शब््द ज्ाने— जिस साहहक्त््यक सामग्ी का शशषिा्थथी अध््य्यन कर रहे हैं   सं्युक्त व््यंजन
                                                                                                                                                                                            कववता में प््योग हुए इन शब्दों को दोबारा प  िढ़ए—
                                                                                                                             उससे संबंधित शब्द-भंिार के ववष्यों का अध््य्यन और अभ््यास कराता है।   प  षि  ी, ने  त्र, प  ि  रश्रम पररश्रम, ज्  ान
                           5  शेर का हौदा             पाठ से पहले— शशषिार््थ्यों के पूव ज्ान का दोहन करने, जिज्ासा िगाने और   ्यह शब्दों के अ्थ, ध्वनन और संरिना पर ध््यान कदरित कराता है।  इन शब्दों में आए रंगीन व््यंिन एक से अधिक व््यंिनों से ममलकर बने हैं।
                              शेर का हौदा
                                                                                ्व
                                                                                                                                          ्व
                                                                                                                                                                  ें
                                                                         थि
                                                      अध््या्य के ललए भूममका बनाने के ललए एक शुरुआती गततववधि दी गई है|                                                                        + ष  = षि  त्  + र  =  ा
                               पाठ से पहले                                                                                                                                                   क्
                                           पाठ वििरण
                                           पाठ वििरण
                                          ‘शेर का हौदा’ बड़ी ही रोिक और
                       नीिे ददए गए चित्राें में कोई पाँि अंतर ढूँिढ़ए—
                                          मेज़िेदार कहानी है। इस कहानी के   पाठ वििरण— पाठ के बारे में अ्थवा पाठ के मूलभाव का संिषिप्त वववरण
                                          मेाध्यमे से यह बताया गोया है चक
                                          हमेें चकसी की नकलो नहीं करनी                                                            अन््य ििष्य जुड़ाि
                                         िाचहए। कहानी मेें जंगोलो का राजा    दद्या ग्या है।                                                                                                 ज्ानी पक्ी    श्  + ष  = श्र
                                          शेर शहर के राजा की नकलो                                                                 हम सभी का अपनेा एक घर है, जो हम बहुत प््यारा है। इसी तरह पशु-पढ़क््यरों   ज्  + ञ  = ज्
                                                                                                                                              ें
                                                                                                                                      े
                                          करता है और पछताता है।                                                                   के भी घर होत हैं। द्दए गए चचत्रा को ्दखकर ताललका की म्द्द से बताइए कक   70
                                                                                                                                            ें
                                                                                                                                              े
                                                      अधिगम उद्श््य— कुछ ऐसे ववशेष क्थन िो ्यह दशा्वते ह कक पाठ के अंत            कौने-सा चचत्र ककस पशु का प््यारा घर है?
                                                                 े
                                                                                                  ैं
                                                      तक ववद््या्थथी क््या-क््या सीखे िाएँगे|
                                        अ  िधगम उद्ेश््य                                                                              घोड़ा    शेर    बंदर    बबल्ी    कुत्ता    िूहा
                                             ू
                                            कहानी को पढ़कर उसके मेलोभाव
                                         को समेझ पाना।
                                            स्त्री-पुरुष बताने वालोे श्ज़दों की
                                                                                                                                                                                                                   ु
                                                                                                                                                                                      ं
                                         पहिान कर पाना।                                                                                                           अन््य विष्य जुड़ाि— हहदी ववष्य का अन््य ववष्यों के सा्थ िड़ाव के
                                            चित्रों को देखकर कौन-कैसा बताने
                                        वालोे श्ज़द चलोख पाना।
                                                                                    सुनें, पढ़ेें और समझेें
                                                                                                                                                                                                                       थि
                                            पशुओं के प्रचत प्रेमे और सहानुभूचत                                                                                    अवसर प्दान करता है। अंतववथिष्यी शशषिा को बढ़ावा देता है और शशषिार््थ्यों
                                        को प्रकर् कर पाना।
                                                                                 िक-िक-िक-िक िलता पहह्या
                                            जंगोलो से जुड़े अपने चविारों को
                                        मेौचखक रूप से व्यक्त कर पाना।                                                                                             को अपने भाषा कौशल को अन््य ववष्यों के सा्थ िोड़ने के अवसर प्दान
                    74                                                           िक-िक िक-िक िलता पहह्या,
                                            शेर के बारे मेें बताते हुए िार-पाँि
                                        वाक्य चलोख पाना।                           दूर देश ले िाते भै्या,                                                         करता है। ्यह ववष्य और उसके वास्तववक दुनन्या के अनुप््योगों की संपूण्व
                                                                                   कहीं गेद तो, कहीं पतंग,
                                                                                   पीला है सूरि का रंग।                                                           समझ को बढ़ावा देता है|
                                                                                   आओ ले लो ततनके तुम,
                                                                                    मेरे नन्ह हा्थों से,                        मददगार हाथ
                                                                                       ें
                   सुनेें, पढ़ें और समझेें— अध््या्य का मुख््य भाग जिसमें पाठ का मूल साहहत््य   ककतनी सुंदर है ्ये दुनन्या,    122                                                            हमारटे मूल््य
                                                                                    देखेो मेरी आँखेों से।
                                                                                                                                                                                                     े
                                                                                                                                                                                                          ें
                   एक ऑडि्यो आइकन ्यानी ध्वनन चिह् न के सा्थ दद्या हुआ है, िो पाठ को    —पुष्पेंद्र राजपूत                                                                                   चाहहए? चचत्र को ्देखकर सही () अर्िा गलत () का ननेशाने लगाइए—
                                                                                                                                                                                               जब हम कहीं बाहर घूमने जाते हैं, तो हम ्त्या करनेा चाहहए और ्त्या नेहीं करनेा
                   सुनने और पढ़ने के ललए इंगगत करता है। पाठ में आए रंगीन शब्दों के प्ासंगगक
                      ्व
                           ्व
                   अ्थ ‘अ्थ िानें’ अनुभाग में ददए गए हैं|
                                                                                   देखो मेरी आँखों से                         हमारे मूल््य— मानवी्य मूल््य एवं नैततक शशषिा को बढ़ावा देता है। ्यह
                   मुझेसे पूछेें— पाठ के दौरान पूछे िाने वाले प्श्न पाठ की समझ, पाठ के प्तत        मुझेसे पूछेें              शशषिार््थ्यों को िीवन मूल््य एवं िीवन कौशल के महत्व को बताते हुए उन्हें
                                                                                                                                    थि
                                                                                  36               पहह्या ककस तरह िलता है?
                   आलोिनात्मक सोि और गहन िुड़ाव को बढ़ावा देते हैं|                                  पीला रंग ककसका है?        भववष््य के ललए तै्यार करने में सहा्यक है|
                                                      ्यह भी जानेें— पाठ के अततररक्त कुछ रोिक तथ््यों के बारे में बताता है।
                     ्यह भी जानें                     शशषिार््थ्यों में जिज्ासा के भाव को िगाकर उन्हें और भी पढ़ने और सीखेने के                                                             देखो मेरी आँखों से
                                                            थि
                     मनुष््य ने आि से बहुत पहले लकड़ी के पहह्ये की खेोि                                                          खेल-खेल  जंगल की सैर
                      की ्थी| आिकल अलग-अलग तरह के पहह्ये बनाए   ललए प्ररत करता है|                                                 में                                                    42 बाहर घूमने िाते सम्य हमें ककन-ककन बातों का ध््यान रखेना िाहहए? कषिा में ििा
                                                           े
                      िाते हैं| पहह्ये की खेोि से हमारे िीवन को एक नई                                                                                                                      कीजिए।                   ्व
                      ददशा ममली है|                                                                                              द्दए गए जंगल के चचत्र को ्देखखए। चचत्र म  ें  ें
                                                      अर््थ जानेें— प्ासंगगक अ्थथों के सा्थ पाठ में आए नए शब्दों की शब्दावली है|  प्राढ़ण्यरों के शरीर के कुछे भाग अिूरे हैं। उनेम
                      अर््थ जानें  ततनेका —  सूखेी घास आदद का छोटा टुकड़ा                                                        रंग भरकर चचत्र को पूरा कीजजए|
                       पहह्या — िक्का/िक्र
                       नेन्ह  — छोटे   ्दुनने्या  —  संसार  नेए शब््द— अभ््यास हेतु पाठ में आए नए एवं कठठन शब्दों की सूिी दी गई                                   खेल-खेल में— पाठ का अंततम का्य जिसमें कला-एकीकृत अधिगम,
                        ें
                                                                                                                                                                                                ्व
                       नए श्ज़द                        है|                                                                                                         खेेल-आिाररत अधिगम और अनुभवात्मक शशषिा शाममल है, िो व््यक्क्तगत,
                       पहह्या    पतंग    भै्या    गेंद    आँखेों    दुनन्या    सूरि    सुंदर
                                                      मेरी समझे— पाठ के बारे में शशषिार््थ्यों की समझ का आकलन करने और                                             िोड़े ्या समूह में की िा सकती है|
                                                                                  थि
                       मेरी समझे
                       क.    कविता म आए शब््दरों पर गोला    लगाइए  —  भै्या  देखो मेरी आँखों से  पाठ के सा्थ गहन िुड़ाव को प्ोत्साहहत करने के ललए पाठ से संबंधित प्श्न   आइए, पेि को पलटकर, कहानन्यों और कववताओं को समझें त्था शब्दों की
                           ें
                                                                          थि
                          1.   चििड़्या    घोंसले    गगन  ददए गए हैं। ्ये प्श्न शशषिार््थ्यों के पढ़ने के अनुभव को बढ़ाकर उनमें ववभभन्न
                          2.   नाक    देश     सूरि  37  संज्ानात्मक और ववश्षणात्मक कौशल ववकससत करने में महत्वपूण्व भूममका        शेर का हौदा                      रोिक ्यात्रा पर ननकलें!
                                                                       े
                          3.   रेल     बादल                                                                                      84
                                                      ननभाते हैं।
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